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जिनका समय खराब है उनका साथ दो

" जिनका समय खराब है उनका साथ दो पर जिनकी नीयत खराब है उनका साथ छोड़ देना चाहिए ।"


"Do live with people who are going through bad times, but leave those who have bad intention."


हम सभी को अनेक लोग ऐसे मिलते हैं जो परेशानी में फंसे होने से हमारी सहायता के योग्य होते हैं । धर्मशास्त्र कहते हैं ऐसे लोगों की मदद करना ईश्वर का प्रिय कार्य हैं। वहीं दूसरी ओर नीतिशास्त्र कहते हैं उन व्यक्तियों से अविलंब दूर हो जाना चाहिए जिनकी नीयत खराब हो ।


सच्चाई ये है कि मुसीबत में फंसा व्यक्ति आपके सहयोग के प्रति कृतज्ञता का भाव रखता है वहीं दूषित मानसिकता से पीड़ित व्यक्ति कुंठाग्रस्त होकर सदैव आपको प्रताड़ित करता रहेगा ।


मप्र के जबलपुर नगर में छह वर्ष पूर्व प्रारम्भ विराट हॉस्पिस ने उक्त उन लोगों की मदद का जिम्मा लिया जो वाकई अकल्पनीय मुसीबत में फंसकर जीवन की आस छोड़ देते हैं ।


ब्रह्मलीन ब्रह्मर्षि विश्वात्मा बावरा जी महाराज की शिष्या साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी ने वर्ष 2013 में कैंसर की अंतिम अवस्था के मरीजों को जीवनपर्यन्त सेवा प्रदान करने का संकल्प लिया जिससे उनका अंत समय कम से कम तकलीफदेह रहे ।


उक्त संस्थान बिना शासकीय सहायता के समाज के दानदाताओं के सहयोग से संचालित हो रहा है ।


इसकी कार्यशैली जरूरतमन्दों की निःस्वार्थ सेवा पर आधरित है । जिसमें हिम्मत हारने की बजाय मरीज पर आई मुसीबत का हरसम्भव सामना करना है ।


मृत्यु के कगार पर खड़े कैंसर मरीज को पारिवारिक माहौल में सुख-सुविधा प्रदान कर उनके मन को अवसाद से मुक्त करना इस संस्थान का मुख्य कार्य है ।


विराट हॉस्पिस में इन मरीजों को 24 घण्टे प्रशिक्षित नर्सों की देखरेख के अलावा डाक्टरी सलाह , दवाएं और एक सहयोगी सहित भोजन तथा आवास की व्यवस्था है । उक्त सभी सुविधाएं पूर्णतः निःशुल्क हैं।


जबलपुर के निकट धुआंधार जलप्रपात के समीप गोपालपुर ग्राम में तीन एकड़ भूमि पर विराट हॉस्पिस का अत्याधुनिक परिसर निःस्वार्थ सेवाभाव का ज्वलन्त उदाहरण है ।


इसमें 28 मरीजों के रहने की व्यवस्था है । यहां स्वच्छता एवं पर्यावरण का विशेष ध्यान भी रखा जाता है ।


निकट भविष्य में इसकी क्षमता 48 बिस्तरों की करने के साथ ही रेडियेशन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जावेगी ।


मुसीबत में फंसे कैंसर रोगियों की सेवा के जरिये विराट हॉस्पिस ने विगत छह वर्ष में कीर्तिमान रच दिया ।


इसका प्रमाण अब तक 1040 से भी अधिक मरीजों द्वारा अंतिम समय तक इसकी सेवाएं प्राप्त करना है।


यह अनुष्ठान कभी न रुकने वाली यात्रा है जिसे जनता के सहयोग से कठिनाई को हल करने का सफल प्रयोग भी कहा जा सकता है। इसमें हर ऐसे व्यक्ति के सहयोग की जरूरत है जो मानवीय संवेदनाओं और निःस्वार्थ सेवाभाव से प्रेरित होकर समाधान तलाशने में विश्वास रखता हो ।


यदि आप भी इस दैवीय कार्य में सहायता देना चाहें तो मानसिक तौर से भी इससे जुड़ें क्योंकि केवल धन एकत्र करना विराट हास्पिस का उद्देश्य नहीं है ।

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