परहित में किये गए प्रत्येक कार्य का श्रेय हमें प्रभु को ही देना चाहिए क्योंकि हम सभी उसी की कार्ययोजना से ही संचालित हैं
" The credit for every charity must be given by us to the God . Because we all are directed by his work plan ."
अमूमन देखा गया है कि हम नेकी का कोई काम करते ही आत्मप्रशंसा से भरकर ये भुला देते हैं कि उसके पीछे भी परमपिता की रचना होती है ।
सृष्टि के सृजनकर्ता की अलौकिक शक्ति और कृपा में अखण्ड विश्वास के बल पर प्रतिकूल हालातों में भी आगे बढ़ने का एक प्रयास मप्र के जबलपुर नगर में छह वर्ष पूर्व साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी के प्रयासों से हुआ ।
पूज्य गुरुदेव ब्रह्मर्षि स्वामी विश्वात्मा बावरा जी महाराज की प्रेरणा से उन्होंने कैंसर के उन मरीजों को अंतिम सांस तक परिवार के सदस्य की तरह प्रसन्न रखते हए उनकी पीड़ा बांटने के लिए विराट हॉस्पिस नामक संस्थान की शुरुवात की,जिन्हें मरणासन्न मानकर उपेक्षित छोड़ दिया जाता है ।
इस संस्था का संचालन पूरी तरह सामाजिक सहयोग से हो रहा है ।
विराट हॉस्पिस में मरीजों को हर समय नर्सिंग स्टाफ की देखरेख के साथ ही जरूरी दवाएं, इलाज और एक परिजन सहित भोजन तथा रहने की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है।
अब तक 1040 से भी अधिक मरीज इसकी सेवाएं ले चुके हैं।
विराट हॉस्पिस में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हुए स्वस्थ मनोरंजन के जरिये मरीजों के मन से मृत्यु का भय दूर करने का प्रयास किया जाता है।
इन मरीजों को अंतिम समय शांति के साथ व्यतीत करने में विराट हॉस्पिस सहायक बने यह प्रयास सदैव रहता है।
इसे अत्याधुनिक सुविधायुक्त बनाने हेतु जनसहयोग से तीन एकड़ भूमि पर एक भव्य परिसर का निर्माण गोपालपुर (भेड़ाघाट) ग्राम में किया गया है।
प्रकृति की गोद में स्थित इस भवन में 28 बिस्तरों का प्रबंध है। निकट भविष्य में इसकी क्षमता 48 बिस्तरों की हो जाएगी । साथ ही रेडियेशन सुविधा भी उपलब्ध होगी ।
विराट हॉस्पिस को ईश्वरीय योजना मानकर निःस्वार्थ भाव से काम करने के कारण यह प्रकल्प सफलतापूर्वक चल सका वरना यह मार्ग बाधाओं से भरा पड़ा है।
यदि आप भी पीड़ित मानवता की सेवा को ईश्वरीय विधान मानकर कार्य करने की इच्छाशक्ति रखते हों तो हमारे सहयोगी बनें।
हमें विश्वास है आप अपनी सम्वेदनशीलता को इन कैंसर पीड़ितों के लिए समर्पित करने हमारे साथ आएंगे।
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