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Writer's pictureRavindra Bajpai

असाधारण लक्ष्य तक पहुंचने के रास्ते भी कठिन होते हैं

" The roads to extra ordinary targets are also difficult ."


हालात हमेशा एक से रहें ये जरूरी नहीं लेकिन सच्चा राही वही है जो रास्ता चाहे जैसा हो बिना रुके चलता रहता है।


उक्त विचार से प्रभावित होकर जबलपुर (मप्र) में विराट हास्पिस नामक एक संस्थान प्रारम्भ किया गया जहां उन कैंसर मरीजों का मनोबल बढाने का प्रयास किया जाता है जिन्हें डॉक्टर भी जवाब दे देते हैं ।



ऐसे मरीजों के पास जितने भी दिन शेष होते हैं उन्हें जीवंत रखने की कोशिश विराट हास्पिस करता है।


बिना कोई सरकारी मदद लिए सामाजिक सहयोग से संचालित इस संस्थान में कैंसर मरीजों को घरेलू माहौल में रखा जाता है।


वर्तमान में यहां 28 बिस्तरों का प्रबंध है । निकट भविष्य में इसकी क्षमता 48 बिस्तरों तक बढ़ाने की योजना पर कार्य चल रहा है ।


मरीजों के लिए हर समय प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ सेवारत रहता है। आवश्यक दवाइयाँ और डाक्टरी सलाह के अतिरिक्त उनके एक सहयोगी सहित भोजन और आवास का प्रबन्ध भी है। उक्त सभी सुविधाऐं पूरी तरह निःशुल्क हैं।


विराट हॉस्पिस मरीजों को प्रसन्नचित्त रखते हुए सामान्य जीवन व्यतीत करने हेतु प्रेरित करता है जिससे उनकी निराशा दूर होती है ।


अब तक 1040 से अधिक मरीजों की अंतिम सांस तक सेवा विराट हॉस्पिस कर चुका है।


विराट हॉस्पिस को अत्याधुनिक स्वरूप प्रदान करने का लक्ष्य जन सहयोग से हासिल करते हुए भेड़ाघाट के पास तीन एकड़ में बनाए गए भवन में मरीजों को सभी प्रकार की सुविधाएँ और शुध्द पर्यावरण उपलब्ध हैं। शीघ्र ही इसमें रेडियेशन सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।


विपरीत हालात में भी हौसले के साथ आगे बढ़ते रहने के कारण ही विराट हॉस्पिस ने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ा दिए ।


यह निरंतर जारी रहने वाली ऐसी यात्रा है जो कठिनतम रास्तों से गुजरती है लेकिन इसमें थककर बैठ जाने की कोई गुंजाइश नहीं है।


इस सेवाकार्य में आपका सहयोग हमारे लिए अत्यंत उपयोगी है लेकिन केवल धन नहीं अपितु मानसिक समर्पण कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण होगा।


पीड़ित मानवता की निःस्वार्थ सेवा के इस अनुष्ठान में आप सादर आमन्त्रित हैं।

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