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Writer's pictureRavindra Bajpai

जो लोग नाकामयाबी से निराश न होते हुए कोशिश जारी रखते हैं वे ही सफलता रूपी मंज़िल तक पहुंच पाते हैं


" Those who continue their efforts even after failure , they only reach to the goal named success."


निरंतरता की प्रेरणा देने वाले उक्त संदेश में सफलता का रहस्त छिपा हुआ है।

जिस प्रकार सुबह होते ही रात का अंधेरा दूर हो जाता है वैसे ही धीरज के साथ चलते रहने पर विफलता रूपी निराशा सफलता रूपी कामयाबी में तब्दील होकर हमारे जीवन में उत्साह भर देती है।



इस संबंध में उल्लेखनीय है कि हम सभी घड़ी तो देखते हैं परन्तु उसके लगातार चलते रहने से कुछ सीखते नहीं। उसके कांटे चलते - चलते अलग -अलग हो जाते हैं , लेकिन दोबारा मिलते भी हैं और ऊपर की तरफ देखने के साथ ही नीचे की तरफ भी मुंह करने मज़बूर हो जाते हैं किन्तु वे रुकते नहीं हैं।


इस विचार को ध्यान में रखते हुए ही मप्र के जबलपुर नगर में छह साल पूर्व साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी द्वारा अपने पूज्य गुरुदेव ब्रह्मर्षि स्वामी विश्वात्मा बावरा जी महाराज से प्रेरित होकर कैंसर के उन मरीजों की आख़िरी सांस तक हरसम्भव सेवा-सुश्रुषा करने का संकल्प लिया गया जो बीमारी की अंतिम अवस्था के कारण मृत्यु की प्रतीक्षा करने बाध्य हो जाते हैं।


दीदी ने जिन मरीजों की सेवा का संकल्प लिया उनके जीवन की रक्षा असम्भव होने के बाद भी विराट हॉस्पिस घड़ी से प्रेरणा लेते हुए उनके मन में हर्ष,उल्लास और उमंग पैदा करता है जिससे वे हिम्मत के साथ शेष ज़िन्दगी व्यतीत कर सकें।


इसकी खासियत ये है कि इसे बिना सरकारी सहायता लिए सामाजिक सहयोग से संचालित किया जाता है।


विराट हास्पिस में मरीजों को 24 घण्टे नर्सिंग सेवा के साथ ही जरूरी दवाइयाँ, डाक्टरी देखरेख और एक सहयोगी के साथ भोजन आवास सुविधा निःशुल्क दी जा रही है।


विगत छह वर्ष में ये संस्थान लगभग 1041 मरीजों को सेवा प्रदान कर चुका है।


8 बिस्तरों से प्रारंभ इस अनुष्ठान को और सुविधायुक्त बनाते हुए जबलपुर के समीप सुप्रसिद्ध भेड़ाघाट क्षेत्र के गोपालपुर ग्राम में जनसहयोग से तीन एकड़ भूमि पर एक नया काम्प्लेक्स बनाया गया है जिसमें 28 मरीजों की व्यवस्था है। जिसे बढाकर 48 किये जाने के प्रयास हो रहे हैं ।

इसके अलावा रेडियेशन की सुविधा भी उपलब्ध होगी ।


प्राकृतिक वातावरण और शुद्ध पर्यावरण के कारण ये परिसर मरीजों को अत्यंत सुखप्रद प्रतीत हो रहा है।


यदि आप भी नाकामयाबी से विचलित हुए बिना सफलता हासिल करने के लिए समय के संग कदम मिलाकर चलने की मानसिकता रखते हों तो आइये कैंसर के इन मरीजों की शेष ज़िन्दगी में उमंग उत्साह और उत्सव के कुछ क्षण भरने का प्रयास करें।


इससे आपका जीवन भी दिव्य अनुभव से भर उठेगा। हम आपके सहयोग की प्रतीक्षा क्ररेंगे।

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