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जीवन को सुखमय बनाना हो तो उसके प्रति अपना दृष्टिकोण बदलिये

" To make the Life happy , change your point of view towards it."


कैंसर की आख़िरी अवस्था के मरीज के मन में भय और निराशा घर कर लेते हैं। उनकी आँखों से चमक गायब हो चुकी होती है । लेकिन दूसरे दृष्टिकोण से देखें तो सांस में ही उम्मीद भी छुपी होती है।


उस लिहाज से सही दृष्टिकोण रखने वाला उम्मीद का दामन नहीं छोड़ता। सच कहें तो प्रतिकूल हालात का सामना करने में जिस अनुभव से हम गुजरते हैं वह अद्धभुत आनन्द प्रदान करता है।


छह वर्ष पूर्व जबलपुर में स्थापित विराट हॉस्पिस इसी भाव पर आधारित है।ब्रह्मर्षि स्वामी विश्वात्मा बावरा जी की शिष्या साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी ने इस सेवा प्रकल्प को मूर्तरूप प्रदान किया।



फिलहाल यहां 28 मरीजों की व्यवस्था हैं। कैंसर की अंतिम अवस्था वाले इन मरीजों को अंतिम सांस तक 24 घंटे नर्सिंग सुविधा के साथ समुचित चिकित्सा, सेवा-सुश्रुषा और एक परिजन सहित भोजन-आवास की समूची व्यवस्था बिना सरकारी मदद लिए केवल सामाजिक सहयोग से पूरी तरह निःशुल्क प्रदान की जाती है ।


अब तक 1040 से अधिक मरीज इसकी सेवाएं ले चुके हैं।


अप्रैल 2013 से संचालित हो रहे विराट हॉस्पिस को और सुविधासम्पन्न बनाने हेतु भेड़ाघाट के समीप गोपालपुर ग्राम में 3 एकड़ भूमि पर एक परिसर का निर्माण किया गया है । यहां का प्राकृतिक वातावरण अत्यंत मनोहारी है जिससे मरीज आनन्दित अनुभव करते हैं ।


भविष्य में यहां 48 मरीजों की व्यवस्था के अतिरिक्त मरीजों को रेडिएशन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जावेगी


हमारी सभी सेवाभावी सज्जनों से विनम्र प्रार्थना है कि अपने देखने का तरीका बदलते हुए अपनी अनुभूतियों को कैंसर पीड़ित दर्दमंदों के साथ भी जोड़ें।


आपका प्यार भरा सहयोग उनकी निराश ज़िन्दगी को हंसी-खुशी के कुछ पल भी यदि दे सका तो निश्चित मानिये ज़िन्दगी आपको और खूबसूरत नज़र आने लगेगी।


आप इस प्रकल्प से तन,मन धन किसी भी रूप में जुड़ सकते हैं।आपका भावनात्मक सहयोग भी हमारे लिए उत्साहवर्धक रहेगा।

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